Baidyanath Dham Temple Deoghar | बैद्यनाथ धाम मंदिर देवघर

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग | बाबाधाम | रावणेश्वर बैद्यनाथ | बैद्यनाथ धाम | Baidyanath Dham Temple Deoghar | Babadham

बैद्यनाथ धाम मंदिर देवघर [ Baidyanath Dham Temple Deoghar ] भगवान शिव की नगरी है जिसे बाबाधाम और देवघर के नाम से भी जाना जाता है ।
भगवान शिव के कई नाम है उनमें से एक नाम बैद्यनाथ भी है इस लिए इस पावन धरा का नाम बैद्यनाथ धाम है । शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिलिंग बैद्यनाथ धाम में स्थित है । बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को मनोकामना लिंग भी कहा जाता है । माता सती का हृदय प्रदेश बैद्यनाथ धाम में गिरा है इसलिए यह सिद्धपीठ है इसलिए ऐसी मान्यता है की यहां मांगी गई मनोकामना पूर्ण होती है।

बैद्यनाथ धाम झारखंड राज्य के देवघर जिला में स्थित है

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को रावणेश्वर बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है, लंकापति रावण जिन्हे दशानन भी कहा जाता है ने शिव को लंका ले जाने के लिए घोर तपस्या किया और अपने शीश को कटकर चढ़ना शुरू कर दिया जब रावण ने अपना दशवा शीश को कटने का प्रयास किया तो भक्त रावण की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रगट हो गए और पहले घायल रावण को ठीक किया उनका उपचार किया इसलिए शिव का एक नाम बैद्यनाथ भी है वैद्य नाथ अर्थात बैद्यो के नाथ यानी बैद्यनाथ और भगवान बैद्यनाथ लिंग यहां स्थापित है तो इसका नाम बैद्यनाथ धाम पड़ा ।

शिव ने अपने भक्त रावण को वर मांगने को कहा ।
लंकापति रावण ने महादेव से लंका चलने का वर मांगा । शिव में कहा मैं तुम्हे शिवलिंग दे रहा हूं इसे लंका में स्थापित करो मैं हमेशा वहां निवास करूंगा मगर लंकापति ध्यान रहे ये शिवलिंग जहां भी धरती पर रख दोगे ये स्थाई रूप से वहीं स्थापित हो जाएगा ।
शिव ने रावण को शिवलिंग दिया और अंतर्ध्यान हो गए, रावण शिवलिंग लेकर लंका की और प्रस्थान करने लगे।
शिव के द्वारा दिए गए वर से देव लोक में हाहाकार मच गया ।

बैद्यनाथ धाम झारखंड राज्य की सांकृतिक राजधानी भी है ।

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